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मणिपुर हिंसा के खिलाफ पटना में नागरिक प्रतिरोध
मणिपुर में दो महिलाओं के साथ हुए यौन हिंसा के मामले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। पिछले 80 दिनों से मणिपुर हिंसा की चपेट में है। 150 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है और 50,000 से अधिक लोग विस्थापित हो चुके हैं। लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार ने इस मानव-त्रासदी को रोकने के बजाय सिर्फ़ छिपाने और नजरअंदाज करने की कोशिश की है।
गौरतलब है कि यौन हिंसा की यह घटना 4 मई को हुई थी, और 18 मई को इस पर एक एफआईआर भी दर्ज किया गया था। लेकिन, एफआईआर दर्ज होने के दो महीने बाद तक अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं किया गया। राष्ट्रीय महिला आयोग को भी 12 जून को ही अलर्ट कर दिया गया था, लेकिन उन्होंने 40 दिनों तक इसका संज्ञान नहीं लिया। वीडियो वायरल होने और उसके बाद लोगों के आक्रोश के बाद ही सरकार ने मामले में कार्रवाई किया। इस घटना के बाद मणिपुर से और भी यौन हिंसा और बलात्कार के मामले सामने आए हैं। मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के मुताबिक सैकड़ो यौन हिंसा के मामले हुए हैं।
पिछले तीन माह में प्रधानमंत्री पूरे दुनिया का दौरा कर चुके हैं। लेकिन देश में हो रहे इस महात्रासदी को उन्होंने नजरअंदाज कर दिया है। मणिपुर जाना तो दूर, वो इस पर एक शब्द बोले तक नहीं बोले। उन्होंने मणिपुर के प्रतिनिधिमंडलों से मिलने से भी इनकार कर दिया। राज्य सरकार ने विपक्षी नेताओं को राज्य का दौरा करने से रोका, और मणिपुर गई फैक्ट फाइंडिंग टीम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दिया। राज्य में तीन महीने से से इंटरनेट पर पाबंदी लगी है, जिससे कोई भी खबर बाहर न जा पाए। केंद्र और राज्य की भाजपा सरकारों ने देश के नागरिकों को अंधेरे में रखने की कोशिश की। मोदी सरकार ने मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को हटाने या राष्ट्रपति शासन लगाने से भी इनकार कर दिया है।
यह स्पष्ट है कि सरकार न केवल शांति सुनिश्चित करने में विफल रही है, बल्कि सक्रिय रूप से नफरत को बढ़ावा दे रही है और अपराधियों की रक्षा कर रही है। मणिपुर की घटना सिर्फ सरकार की विफलता नहीं है, बल्कि इस स्थिति को पैदा करने में सरकार की सक्रिय भूमिका है। चाहे कठुआ हो, या उन्नाव, या हाथरस, चाहे बिल्किस बानो हो, या अंकिता भंडारी, या महिला पहलवानों का मुद्दा, देश में हो रहे सभी यौन हिंसा के मामले में मोदी सरकार न सिर्फ विफल रही है, बल्कि इसने अपराधियों को बचाने की कोशिश की है।
आज इस घटना ने हम सभी को शर्मसार कर दिया है। आज मोदी सरकार ने भारत माता का सर शर्म से झुका दिया है। मोदी सरकार को सत्ता में बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। लेकिन उससे भी ज़्यादा ज़रूरत है भारत के लोगों को इस अपराध के ख़िलाफ़ उठ खड़े होने की।
इस महात्रासदी के खिलाफ आज पटना के नागरिक समुह के तरफ़ से बुद्घ स्मृति पार्क पर एक प्रतिरोध सभा का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में एनएपीएम के उदयन राय और मोहम्मद काशिफ युनुस, स्वराज अभियान के ऋषि आनंद, अनूप सिन्हा, और गौतम गुप्ता, लोकतांत्रिक जन पहल के सत्यनारायण मदन, कंचन बाला, अशोक गुप्ता, जन मुक्ति संघर्ष वाहिनी के मणिलाल, आश्रय अभियान की सिस्टर डोरोथी, संविधान बचाओ संघर्ष मोर्चा के नागेन्द्र और मीरा यादव, बिहार दलित विकास मिशन के फादर जोज़, एडवोकेट अशोक चन्द्रवंशी, समेत अन्य लोगों ने सभा को सम्बोधित किया। इंजीनियर सुखित नारायण के धन्यवाद संदेश के साथ सभा की समाप्ति हुई।
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