पुनपुन नदी की छोर पर बसा हैबतपुर पनहारा के ग्रामीण वर्षो से सरकार की अनदेखी से नाराज़,नब्बे की दशक में जीने को मजबूर जाने क्यों।

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पुनपुन नदी की छोर पर बसा हैबतपुर पनहारा के ग्रामीण वर्षो से सरकार की अनदेखी से नाराज़,नब्बे की दशक में जीने को मजबूर जाने क्यों।



पटना:हैबतपुर लगभग पटना जिला से 22 किलोमीटर पर स्थित है यह नौबतपुर थाना अंतर्गत हैबतपुर पनहारा गाँव है जहाँ लगभग 5 से दस हजार की आबादी है ,यह क्षेत्र पुनपुन प्रखण्ड के आखरी छोर तो दूसरी ओर लाहसुना नदवां मसौढ़ी के सटे हैं लेकिन मुख्य कारण है आवागमन बाधित है ।वर्षो से पुनपुन नदी में पुल निर्माण की माँग करते रहे लेकिन न जाने कितने ग्रामीण इलाकों के बुजुर्ग एवँ बुद्धिजीवियो के इस आस में आंसू सुख गए तो कुछ बुजुर्ग हो गए ,वही हैबतपुर पनहारा के युवा रवि कुमार ने बताया की गाँव की सहयोग से जब पुनपुन नदी की पानी कम जाता है तो गाँव के लोगो की सहयोग से और श्रमदान से वर्षो से पुनपुन नदी में रास्ते बनाते हैं, इसी तरह बेबस भरी जिंदगी जीने की मजबूर हैं।जब पुनपुन नदी का जलस्तर अधिक होते हैं तो लोग नाव से आवागमन करते हैं, ज्यादातर रात्रि और शाम होती है परेशानी का सामना,दूसरी ओर शिक्षा को लेकर बच्चों को स्कूल आने -जाने में रवि कुमार ने बताया कि अगर इस रास्ते न होकर दूसरे रास्ते से जाते हैं तो नौबतपुर के रास्ते लगभग 10 से 12 किलोमीटर दूरी ज्यादा तय करनी पड़ती है।नदवां बाजार  भी जाने के लिए काफी परिश्रम करना पड़ता है।एक पूल बना था जो काफी दूर और न ही उस रास्ते से

पुनपुन नदी में ग्रामीण गाँव की सहयोग से रास्ते बनाते

लोग आते जाते हैं।और गांव से काफी दूर भी है।लोगों ने माँग की है अगर इस रास्ते मे पुनपुन नदी पर पूल का निर्माण हो जाता तो कई प्रमुख गाँव का सम्पर्क जुड़ जाता साथ ही लोगों को आवाजाही में सहूलियत होती। (यह खबर आप पुनपुन एक्सप्रेस पर पढ़ रहे हैं)बताया जाता कि जब पुनपुन नदी में पानी अधिक होता है तो आवागमन नाव से ही होती है।पुनपुन नदी में पानी कम जाता है तो लोग चंदा कर कुछ सहयोग से रास्ते बनाते हैं।

अगर किसी के घर शाम के वक्त मेहमान आजाये तो उसे दूसरे गाँव या वापस जाना पड़ता है ।कई वर्षों से माँग रही है इस क्षेत्र के लोगों को लेकिन अनदेखी से परेशान ग्रामीण आस छोड़ चुके हैं। हैबतपुर पनहारा गाँव के साथ लगभग 8 से 10 गांव और है जो इसी रास्ते से आवागमन होती है ,बरसात के मौसम में स्कूलों में कर दी जाती छूटी।क्योंकि पढ़ाई करने स्कूल जाने में असमर्थ हो जाते हैं बच्चे। ग्रामीण की आस है कि हैबतपुर पनहारा के पास पुनपुन नदी में पूल का निर्माण किया जाए|


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