की रात को भी एक माना जाता है।शब-ए-बारात की रात लोग जागकर अल्लाह की इबादत करते हैं।इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार यह त्योहार चंद्र कैलेंडर के आठवें महीने शाबान {SHABAAN} की 14वीं और 15वीं तारीख की रात को मनाया जाता है. इस साल शब-ए-बारात रविवार को मनाई गई
शब-ए-बारात फजीलत और इबादत की रात होती है, जिसमें मुसलमान अल्लाह तबारक व तआला से अपनी गुनाहों की माफी मांगते हैं।शब-ए-बारात में हर मुसलमान पूरी रात जागकर नमाज अदा करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं।
पिछले साल किए गए कर्मों का लेखा-जोखा तैयार करने और आने वाले साल की तकदीर तय करने वाली इस रात को शब-ए-बरात कहा जाता है। इस रात को पूरी तरह इबादत में गुजारने की परंपरा है। नमाज, तिलावत-ए-कुरआन, कब्रिस्तान की जियारत और हैसियत के मुताबिक खैरात करना इस रात के अहम काम है।
शबे बरात की रात पनपुन बाजार में दिनांक 25/2/ 2024 को पुनपुन थाना अध्यक्ष पुनपुन स्थित जामा मस्जिद के सेक्रेटरी नसरुद्दीन आलम और कार्यकर्ता मोहम्मद मेराज हुसैन, इम्तियाज आलम मौलाना एजाज़ शाहब सभी लोगों से बातचीत की और शबे बरात में पूरी रात इबादत के लिए शांति का पैगाम देते हुए बाजार में गस्ती और कामेश्वर चौक पर पुलिस गश्त करती रही।शांति माहौल में सम्पन्न हुआ।
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